
दूर तक जो दीखती हैं दीपमालाएं कुँअर
ये तिमिर के गेह में हैं ज्योति बालायें कुँअर
बातियों की बात सुन लें तो स्वयं खुल जायेंगी
सब के मन में प्रीत की शुभ पाठशालाएं कुँअर
ये तिमिर के गेह में हैं ज्योति बालायें कुँअर
बातियों की बात सुन लें तो स्वयं खुल जायेंगी
सब के मन में प्रीत की शुभ पाठशालाएं कुँअर
डॉ० कुँअर बेचैन
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