अक्तूबर 31, 2006

डॉ० कुँअर बेचैन जी की ओर से सभी को दीपावली की शुभकामनायें



दूर तक जो दीखती हैं दीपमालाएं कुँअर

ये तिमिर के गेह में हैं ज्योति बालायें कुँअर

बातियों की बात सुन लें तो स्वयं खुल जायेंगी

सब के मन में प्रीत की शुभ पाठशालाएं कुँअर


डॉ० कुँअर बेचैन

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